लखनऊ न्यूज डेस्क: लखनऊ: साइबर ठगों ने एक महिला डॉक्टर को 9 दिनों तक डिजिटल अरेस्ट में रखा और 13.40 लाख रुपये की ठगी कर ली। महिला डॉक्टर को पहले एक कॉल आया जिसमें खुद को भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) का कर्मचारी बताकर ठग ने कहा कि दिल्ली में उनके आधार कार्ड का इस्तेमाल कर एक सिम लिया गया है, जो लड़कियों को न्यूड वीडियो भेजने में इस्तेमाल हो रहा था। जब महिला डॉक्टर ने इसका विरोध किया, तो ठग ने कहा कि दिल्ली पुलिस इस मामले की जांच करेगी।
इसके बाद महिला डॉक्टर को एक वीडियो कॉल मिली, जिसमें एक व्यक्ति ने खुद को दिल्ली पुलिस का सीनियर इंस्पेक्टर अनिल बताकर पूछताछ शुरू कर दी। इंस्पेक्टर बने ठग ने महिला को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में फंसाने की धमकी दी और कहा कि अगर वह चुप नहीं रही तो उसे 45 दिन की जेल हो सकती है। इसके बाद ठगों ने महिला से 13.40 लाख रुपये की मांग की, यह भी कहा कि अगर वह पैसे नहीं देंगी तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
धमकियों के कारण महिला डॉक्टर ने दबाव में आकर ठगों से पैसे ट्रांसफर कर दिए। ठगों ने उसे लगातार 9 दिनों तक डराए रखा और रकम की अलग-अलग किस्तों में मांग की। जब सारी रकम ट्रांसफर हो गई, तो महिला डॉक्टर को ठगी का अहसास हुआ और उसने लखनऊ पुलिस से संपर्क किया।
लखनऊ पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और साइबर सेल ठगों की तलाश में जुटी है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि साइबर अपराध तेजी से बढ़ रहे हैं और नागरिकों को किसी भी अज्ञात कॉल या संदेश से बचने के लिए जागरूक रहने की आवश्यकता है। उन्होंने अपील की है कि लोग अपनी बैंकिंग और व्यक्तिगत जानकारी किसी से भी साझा न करें।
पुलिस ने जनता से सतर्क रहने की अपील की है और कहा कि इस प्रकार के ठग आमतौर पर डराकर लोगों से पैसे वसूलने की कोशिश करते हैं। साइबर ठगों द्वारा किए गए इस तरह के अपराधों को रोकने के लिए सरकार और पुलिस लगातार प्रयास कर रही है।